तुम
......पल... पल याद आती हो
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रविवार, 28 नवंबर 2010
सपना
मैं काफी का मग थाम कर बैठा।
और तुमने मेरे कंधों पर बिखेर दिये,
अपने भींगे जुल्फ,
फिर नर्म हथेलियों ने छुआ,
और कजरारी आंखें झील बन
डुबोने लगी मुझे।
फिर अपनेष्षबनमी होठ
मेरे होठों के पास ला,
तुमने धीरे से कहा
आई लव यू ।
1 टिप्पणी:
amit
9 दिसंबर 2010 को 8:00 am बजे
aisa hi mere sath hua hai ..........aap ko kaise pata cala.........
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aisa hi mere sath hua hai ..........aap ko kaise pata cala.........
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