बस इतनी सी आरजू है,
तुम चाहो तो भूल जाओ मुझे,
पर बचाएं रखना हमेषा,
अपनी मुस्कुराहट,
हंसाना, खिलखिलाना,
सहेजे रखना, गुलाबी होठ,
पावों की थिरकन,
दिल का गुनगुनाना,
पाजेवों की रूनझून,
सपनों में खो जाना
समेटे रखना बांहो में,
ष्षबनम की बूंद,
कचनार के फूल ,
हरि- भरी दूब ,
और बारिष में जी भर
भींगने का कोई बहाना,
सजाए रखना हमेषा,
आंखों में काजल
जुल्फों में सावन,
बदन की खुषबू
और हर पल जी लेने का
अपना तराना।
yea kavita bhut achha lagi.......bahut khub....
जवाब देंहटाएंलाजवाब .......
जवाब देंहटाएंhaa haa nice and good naa na very good
जवाब देंहटाएंvery god bhai
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